शुरुआती चरणों में पहचान और सटीक निदान कैंसर के सफल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक सटीक निदान के बिना, मरीज़ों के लिए सही उपचार योजना तैयार करना ऑन्कोलॉजिस्ट के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। एचसीजी की विशेषज्ञ टीम सामान्य से लेकर सबसे जटिल कैंसर और हेमेटोलॉजिकल कैंसर के निदान, स्टेजिंग, उपचार और निगरानी में कुशल है।
इमेजिंग कैंसर देखभाल के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक पहलु है, क्योंकि अलग अलग इमेजिंग परीक्षणों से प्राप्त होने वाले परिणाम विशेषज्ञों को सूचित नैदानिक निर्णय लेने में मदद करते हैं।
एचसीजी में रेडियोलॉजी और इमेजिंग विभाग में अत्याधुनिक इमेजिंग उपकरण और कुशल रेडियोलॉजिस्ट की एक बड़ी टीम है, जो हमारे मरीज़ों को बेहतर नैदानिक सहायता प्रदान करती है।
यूनिट में सभी प्रमुख इमेजिंग प्रौद्योगिकियां (टेक्नोलोजी) हैं, जैसे कि पेट सीटी (एनालॉग / डिजिटल), चुंबकीय अनुनाद (मैग्नेटिक रेज़नन्स) इमेजिंग (एमआरआई), डिजिटल मैमोग्राफी, आदि, जो अपने ऐतिहासिक प्रतिरुपों की तुलना में अपेक्षित रुप से घावों का बेहतर पता लगाने में अधिक मदद करती हैं। इन परीक्षणों के साथ साथ , यह विभाग अन्य इमेजिंग परीक्षणों, जैसे एक्स-रे स्कैन, अल्ट्रासाउंड स्कैन, एंडोस्कोपी आदि की भी सुविधा प्रदान करता है। इन परीक्षणों से प्राप्त हुए परिणाम, अन्य विश्लेषणों जैसे कि बायोप्सी, रक्त परीक्षण, आदि से प्राप्त हुए परिणामों के साथ, निश्चित निदान पर पहुंचने में डॉक्टरों की सहायता करते है।
स्वचालित स्तन (ऑटोमेटेड ब्रेस्ट) वॉल्यूम स्कैनर (एबीवीएस) यह स्तन कैंसर का पता लगाने में नवीनतम नैदानिक तकनीक है; यह विशेष रूप से घने ऊतकों (डेन्स टिशू) वाले मरीज़ों में स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एबीवीएस दुनिया का पहला बहु-उपयोगी अल्ट्रासाउंड सिस्टम है जो केवल 10 मिनट में स्तनों की पूर्ण, हाइ-रिज़ॉल्यूशन इमेजस (छवियों) को स्वचालित रूप से अर्जित करता है। एबीवीएस के माध्यम से शुरुआती चरणों में पहचान होने से स्तन कैंसर के मरीज़ों में सकारात्मक नैदानिक परिणाम की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
डिजिटल मैमोग्राफी स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए सिफारिश कीया जाने वाला एक सुरक्षित और सटीक इमेजिंग परीक्षण है। यह फिल्म मैमोग्राफी के समान तकनीक का उपयोग करता है, सिवाय इसके कि इमेज (छवि) सीधे कंप्यूटर पर रिकॉर्ड की जाती है। कंप्यूटर पर कैप्चर की गई इमेज (छवि) को उचित विश्लेषण के लिए बढ़ाया जा सकता है या हाइलाइट किया जा सकता है।
डिजिटल मैमोग्राफी का सबसे बड़ा फायदा ये है की यह तकनीक स्तन के घने ऊतकों (डेन्स टिशू) वाले मरीज़ों में भी सटीक निदान देता है।
पेट सीटी बेहतर इमेजिंग के लिए पेट स्कैन और सीटी स्कैन को संयोजित करती है। पेट स्कैन के दौरान, जो परमाणु (न्यूक्लियर) चिकित्सा का एक रूप है, शरीर की कोशिकाओं (सेल्स) की मोलेक्यलैर गतिविधि का अध्ययन करने के लिए एक रेडीओऐक्टिव आइसोटोप को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। दूसरी ओर सीटी स्कैन, आंतरिक संरचनाओं की एक्स-रे इमेजेस (छवियों) की एक श्रृंखला लेता है और इन इमेजस (छवियों) को एक 3- डिमेन्शनल चित्र बनाने के लिए एक साथ रखा जाता है। स्कैनिंग के दौरान असामान्य गतिविधियों वाले ऊतक (टिशू) चमकदार धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं और इससे निदान आसान हो जाता है।
पेट सीटी स्कैन कैंसर निदान, कैंसर स्टेजिंग, उपचार योजना, निगरानी और कैंसर पुनरावृत्ति का मूल्यांकन करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। पारंपरिक पेट सीटी का एक अन्य संस्करण है डिजिटल पेट सीटी, जिसमें स्कैनिंग अवधि और रेडीओऐक्टिव आइसोटोप की खुराक काफी हद तक कम हो जाती है।
चुंबकीय अनुनाद (मैग्नेटिक रेज़नन्स) इमेजिंग या एमआरआई मस्तिष्क (ब्रेन), रीढ़ (स्पाइन), पौरुष ग्रंथी (प्रोस्टेट), गर्भाशय (यूटरस) और यकृत (लीवर) जैसे अंगों की असाधारण रुप से सविस्तार इमेजस (छवियों) को बनाने में सहयोग करता है। यह विशेषज्ञों को सौम्य और संभावित घातक द्रव्यमान के बीच का फ़र्क जानने की अनुमति देता है। यह हाइ-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग कैंसर के लक्षण दिखने से पहले ही उसका पता लगाने में मदद कर सकती है।
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी यह रेडियोलॉजी विभाग की एक उप-विशेषता है जो कैंसर और अन्य कई प्रकार के स्वास्थ्य विकारों के निदान, उपचार और प्रबंधन के लिए इमेज - गाइडेड (छवि – निर्देशित), मिनिमली – इनवेसिव (कम से कम चिरफाड वाली) प्रक्रियाओं का उपयोग करती है।
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी यह रेडियोलॉजी विभाग की एक उप-विशेषता है जो कैंसर और अन्य कई प्रकार के स्वास्थ्य विकारों के निदान, उपचार और प्रबंधन के लिए इमेज - गाइडेड (छवि – निर्देशित), मिनिमली – इनवेसिव (कम से कम चिरफाड वाली) प्रक्रियाओं का उपयोग करती है।
इन प्रक्रियाओं का उद्देश्य मरीज़ों के लिए उपचार संबंधी जटिलताओं के जोखिम को कम करना और उन्हें तेजी से ठीक होने में मदद करना है।
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी एक डायग्नोस्टिक और चिकित्सीय विशेषता दोनों है इमेज - गाइडेड (छवि – निर्देशित), मिनिमली – इनवेसिव (कम से कम चिरफाड वाली) प्रक्रियाओं और इनवेसिव इमेजिंग तकनीकों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है
कुछ प्रमुख इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी प्रक्रियाओं में कीमोएम्बोलाइज़ेशन, रेडियोएम्बोलाइज़ेशन, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन, क्रायोब्लेशन आदि शामिल हैं। इनमें से अधिकांश प्रक्रियाओं में अस्पताल में रात भर रहने की आवश्यकता नहीं होती है और मरीज़ इसे एक आउट पेशेंट (बाह्य रुग्ण) की तरह भी प्राप्त कर सकते हैं। प्रशासित उपचार की समग्र प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए इन प्रक्रियाओं को अक्सर अन्य उपचार दृष्टिकोणों के साथ जोड़ा जाता है।
निदान की तरह ही, शुरुआती चरणों में कैंसर को पकड़ने की अपनी क्षमता के माध्यम से स्क्रीनिंग भी कैंसर के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एचसीजी में, मरीज़ स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर, ग्रीवा (सर्विकल) कैंसर, पौरुष ग्रंथी (प्रोस्टेट) कैंसर, जीआई कैंसर आदि की जांच करवा सकते हैं। यदि स्क्रीनिंग के दौरान कोई असामान्यताएं दिखाई देती हैं, तो डॉक्टर पेट सीटी, एमआरआई या एक्स-रे के माध्यम से इमेजिंग जैसे अन्य परीक्षणों की सिफारिश करेंगे, जिसके बाद रक्त परीक्षण और बायोप्सी के जरिए अतिरिक्त मूल्यांकन भी किया जा सकता है।