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पीईटी-सीटी

अवलोकन

पीईटी-सीटी, कैंसर उपचार में एक महत्त्वपूर्ण नैदानिक (डायग्नोस्टिक) और पूर्वलाक्षणिक (प्रोग्नोस्टिक) टूल है डायग्नोसिस से लेकर स्टेजिंग तक, निगरानी से लेकर रोगी की उपचार प्रतिक्रिया के मूल्यांकन तक, पीईटी-सीटी कैंसर रोग के सभी प्रमुख चरणों में एक बुनियादी भूमिका निभाता है।

पीईटी-सीटी (पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी/कम्प्यूटेड टोमोग्राफी) एक न्यूक्लियर मेडिसिन इमेजिंग विधि है जो बेहतर डायग्नोस्टिक सपोर्ट के लिए सीटी स्कैन से प्राप्त संरचनागत जानकारी को पीईटी स्कैन से प्राप्त मेटाबोलिक गतिविधि जानकारी से संयोजित करती है।

पीईटी और सीटी इमेजिंग से प्राप्त डेटा एक सॉफ्टवेयर सिस्टम की मदद से दो या तीन आयामी छवि पुनर्रचना (इमेज रिकंस्ट्रक्शन) के लिए संयोजित किया जाता है। ये संयोजित स्कैन, आंकोलॉजिस्ट्‌स को असामान्यताएं निर्धारित करने में और विविध कैंसरों व अन्य रोगों के लिए सर्वोत्तम उपचार योजना तय करने में मदद करते हैं।

पीईटी-सीटी किस तरह काम करता है?

स्कैन से पहले, रोगी की नस में रेडियोट्रेसर इंजेक्ट किया जाता है। रेडियोट्रेसर में एक रेडियोएक्टिव आइसोटोप और एक जैव-अणु जैसे कि ग्लूकोज होता है। बाद में, रोगी को 45 – 60 मिनट तक इंतज़ार करना होता है ताकि यह शरीर की कोशिकाओं में अवशोषित हो जाए।

रेडियोट्रेसर इंजेक्ट किए जाने के बाद, यह शरीर के उन भागों तक पहुंचता है जो ग्लूकोज का उपयोग करते हैं।

उदाहरण के लिए ट्‌यूमर कोशिकाएं, अधिक ग्लूकोज की खपत करती हैं क्योंकि उनको तेजी से विभाजित होने के लिए ज्यादा ऊर्जा की ज़रूरत होती है। इमेजिंग के दौरान हम, ग्लूकोज के साथ टैग किए गए रेडियोएक्टिव आइसोटोप से होने वाले रेडियोएक्टिव उत्सर्जनों को ट्रैक करते हैं। ग्लूकोज या रेडियोट्रेसर के अधिक अवशोषण वाले भाग चमकदार धब्बों के रूप में दिखते हैं।

इन रेडियोएक्टिव उत्सर्जनों का पता लगाने और स्कैन किए गए क्षेत्र की मेटाबोलिक गतिविधि की इमेज निर्मित करने के लिए एक विशेष कैमरा उपयोग किया जाता है। साथ में किया जाने वाला सीटी स्कैन विभिन्न कोणों से आंतरिक अंगों के एक्सरे-इमेज कैप्चर करता है।

फिर एक कंप्यूटर, पीईटी और सीटी स्कैन के डेटा को संयोजित करके आंतरिक अंगों की 3 आयामी इमेज निर्मित करता है। ट्‌यूमर जैसी असामान्यताओं का पीईटी-सीटी स्कैन के माध्यम से आसानी से और सटीक ढंग से पता लगाया जा सकता है।

पीईटी-सीटी इमेजिंग के फायदे

पीईटी-सीटी इमेजिंग के अनेक फायदे हैं

बेहतर सटीकता द्वारा पीईटी-सीटी सही निदान, और इस तरह सही क्लीनिकल निर्णयों को सपोर्ट करती है।


पीईटी-सीटी स्पेशलिस्ट्‌्‌स को कैंसरों का शुरूआती अवस्थाओं में पता लगाने में मदद करती है, जब सकारात्मक परिणामों के साथ उनका उपचार किया जा सकता है।


घावों या असामान्य पिंडों के बारे में अत्यधिक विश्वसनीय जानकारी प्रदान करके पीईटी-सीटी इमेजिंग प्रभावी उपचार योजना में मदद करती है।


पीईटी-सीटी इमेजिंग, किए गए उपचार के लिए रोगी की प्रतिक्रिया का आकलन करने में भी मदद करती है।


एक बार में ही सम्पूर्ण मॉलेक्युलर और स्ट्रक्चरल डेटा प्रदान करके पीईटी-सीटी अनावश्यक इन्वेसिव प्रक्रियाओं और रिटेस्ट की रोकथाम में मदद कर सकती है।


यह इमेजिंग प्रोसेस नॉन -इन्वेसिव है और इसमें कम समय लगता है। टेस्ट के बाद रोगियों के लिए कोई डाउनटाइम या रिकवरी की ज़रूरत नहीं होती।


पीईटी-सीटी इमेजिंग रेडियोथेरेपी की योजना में भी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इमेजिंग के दौरान रेडियोट्रेसर केमिकल का उपयोग किया जाता है; हालांकि रेडिएशन संपर्क कम होता है। यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है। यदि आपको पीईटी-सीटी के बारे में कोई चिंता हो तो कृपया प्रक्रिया से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

इसके अलावा, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को संभावित जोखिम जानने के लिए प्रक्रिया से पहले अपने डॉक्टर्स से बात कर लेनी चाहिए।

  • आपसे कहा जाएगा कि आपके स्कैन से लगभग छह घंटे पहले से कुछ न खाएं।
  • आपके स्कैन से पहले 24 घंटे तक व्यायाम न करने के लिए भी आपसे कहा जाएगा।
  • प्रक्रिया के ठीक पहले, आपसे कहा जाएगा कि धातु की सारी चीज़ें जैसे कि ज्वैलरी, चश्मा, हेयरपिन, दंतावली आदि हटा दें क्योंकि यह CT स्कैन के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
  • महिलाएं यदि गर्भवती हों या स्तनपान कराती हों तो सदैव अपने डॉक्टर को सूचित करें।

प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सामान्य भोजन करें और तरल पदार्थ अधिक पिएं। स्कैन के बाद आप ठीक रहेंगे और प्रक्रिया के तुरंत बाद अपनी सामान्य गतिविधियां बहाल कर सकते हैं।

FDG जो कि इंजेक्ट किया जाने वाला रेडियोट्रेसर है, यह ग्लूकोज के समान होता है। हालांकि इसे अपेक्षाकृत कम मात्रा में इंजेक्ट किया जाता है, और यह आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल को प्रभावित नहीं करेगा।