अत्याधुनिक इमेजिंग और मोशन मॉनीटरिंग तकनीक के उपयोग वाली चुनिंदा तकनीकों में से एक ट्रूबीम, ट्यूमर की इमेज लेकर सटीक ढंग से रेडिएशन डिलीवर करती है, हर 10 सेकेंड पर यह लोकेशन की सटीकता की जांच करती है, और यदि ट्यूमर की पोजीशन में कोई बदलाव हो तो यह रेडिएशन बीम को फिर से अलाइन करती है।
ट्रूबीम का उपयोग मस्तिष्क, सिर और गर्दन वाले भाग, यकृत, फेफड़ों, अग्न्याशय और रीढ़ के कैंसरों तथा मेनिन्जिओमा, न्यूरोफाइब्रोमा, श्वानोमा, वैस्क्युलर मैलफार्मेशन्स की दशाएं, तथा अनेक आवर्ती और ऐसे ट्यूमर्स के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है जिनका ऑपरेशन संभव नहीं होता।
ट्रूबीम एक शक्तिशाली नॉन-इन्वेसिव रेडियोसर्जरी सिस्टम है जो रोगियों को अनेक लाभ प्रदान करता हैः
उन्नत इमेजिंग विशेषता के द्वारा, ट्रूबीम रेडियोलॉजिस्ट्स को सबमिलीमीटर शुद्धता के साथ ट्यूमर को देखने और उपचार करने की सुविधा देता है।
प्रभावी गति प्रबंधन (मोशन मैनेजमेन्ट) और श्वसन निगरानी (रेस्पिरेटरी मॉनीटरिंग) टूल्स, बीम की डिलीवरी को ट्यूमर की गति, जो कि शारीरिक गतिविधियों जैसे कि सांस लेना, निगलना, खांसना आदि के कारण होती है, के साथ इंटेलिजेंट तरीके से सिंक्रोनाइज करते हैं
ट्रूबीम अपेक्षाकृत छोटी उपचार अवधियों और अधिक शांत सत्रों के माध्यम से रोगियों के लिए आरामदेह उपचार अनुभव सुगम बनाता है।
ट्रूबीम अत्यन्त शुद्ध सटीकता के साथ रेडिएशन डिलीवर करता है और सामान्य ऊतकों को होने वाला नुकसान कम करता है।
ट्रूबीम के माध्यम से स्पेशलिस्ट्स कठिन पहुंच वाले भागों में स्थित ट्यूमर्स को ट्रैक कर सकते हैं और उनका उपचार कर सकते हैं।
ट्रूबीम उपचार अवधि को काफी कम कर देता है। जिन उपचार सत्रों में पहले 25-30 मिनट लगते थे, उनमें अब केवल 5-10 मिनट ही लगते हैं।
रोगियों को कम रिकवरी अवधि की ज़रूरत पड़ती है और वे अपनी सामान्य दिनचर्या जल्दी बहाल कर सकते हैं।
ट्रूबीम उपचार के लिए रात भर अस्पताल में ठहरने की ज़रूरत नहीं होती, और उपचार जटिलताएं अपेक्षाकृत कम होती हैं।