जब कोशिकाएं (सेल्स) अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं और असामान्य गांठ बनाती हैं तब ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर होता है । ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर भारत में कम प्रचलित कैंसर में से एक है।
ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर एक ऐसी स्थिति है जहां ब्रेन (मस्तिष्क) में घातक ट्यूमर बनते हैं। जब कोशिकाएं (सेल्स) अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं और असामान्य गांठ बनाती हैं तब ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर होता है । ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर भारत में कम प्रचलित कैंसर में से एक है।
ट्यूमर की उत्पत्ति और उसके फैलने की प्रवृत्ति के आधार पर, ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर को प्राइमरी ब्रेन (मस्तिष्क) ट्यूमर और सेकेंडरी ब्रेन (मस्तिष्क) ट्यूमर में वर्गीकृत किया जाता है। ब्रेन (मस्तिष्क) में उत्पन्न होने वाले ट्यूमर को प्राइमरी ब्रेन (मस्तिष्क) ट्यूमर कहा जाता है। ट्यूमर के निकट और दूर के अंगों में फैलने की प्रवृत्ति के आधार पर उसका सौम्य और घातक ट्यूमर ऐसे दो प्रकारों में वर्गीकरण किया गया है।
ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और किस प्रकार के लक्षण देखे जाते हैं, यह ब्रेन (मस्तिष्क) में ट्यूमर के सटीक स्थान और आकार पर निर्भर करता हैं। ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर से जुड़े लक्षण निम्नलिखित हैं :
हालांकि प्राइमरी और सेकेंडरी ब्रेन (मस्तिष्क) ट्यूमर के सटीक कारण अब तक ज्ञात नहीं हैं, शोधकर्ताओं ने कुछ कारकों की पहचान की है जो मस्तिष्क कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
शुरुआत में, मरीज़ की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए एक मेडिकल इंटरव्यू और शारीरिक परीक्षा आयोजित की जाती है। अधिक विशिष्ट रुप से जानने के लिए, एक न्यूरोलॉजिकल परीक्षण किया जाएगा, जिसमें दृष्टि, समन्वय, सुनने की क्षमता, संतुलन, ताकत और सजगता जैसे विभिन्न कारकों की जांच की जाती है।
यदि ब्रेन (मस्तिष्क) में ट्यूमर के विकास का संदेह होता है, तो अतिरिक्त परीक्षणों की सिफारिश की जाती है।
जब उपचार पद्धति को मरीज़ की जरूरतों के अनुसार विशिष्ट रूप से तैयार किया जाता है तब ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर के उपचार सबसे अच्छा काम करते हैं । ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर के लिए उपचार योजना कई कारकों पर आधारित होती है, जैसे कि ट्यूमर का प्रकार, उसका स्थान और आकार, मरीज़ की उम्र और मरीज़ की कुल स्वास्थ्य स्थिति।
ब्रेन (मस्तिष्क) कैंसर के लिए मुख्य उपचार विकल्पों में सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी (विकिरण चिकित्सा) और कीमोथेरेपी शामिल हैं। व्यक्तिगत उपचार योजनाओं में अक्सर इन उपचार विकल्पों में से एक या एक से अधिक उपचार योजनाओं का संयोजन शामिल होता है।